चाह तेरे आंचल की छाया नन्हां मन शिशु फिर बनने को वो तेरी लोरी की मिठास कैसे मैं कोई शब्द लिखूं। चाह तेरे आंचल की छाया नन्हां मन शिशु फिर बनने को वो तेरी लोरी की मिठास कैसे मैं ...
यह सब सुनकर मुन्नी वाली, बोली गेंद तुम्हीं अब ले लो। यह सब सुनकर मुन्नी वाली, बोली गेंद तुम्हीं अब ले लो।
आते रहते है हर सेमेस्टर मौक़े तेरे दीदार के, पर दिल तरस जाता है करने को तुझसे दो शब्द प्यारे ... आते रहते है हर सेमेस्टर मौक़े तेरे दीदार के, पर दिल तरस जाता है करने को त...
गीता धर्म की अमूल्य निधि है जैसे वैसे ही मेरा अस्तित्व नदियों में गंगा है मर्यादित आचरण में आज भी ... गीता धर्म की अमूल्य निधि है जैसे वैसे ही मेरा अस्तित्व नदियों में गंगा है मर्य...
राम कर्म में पुरुषोत्तम है, राम कर्म में पुरुषोत्तम है,
शक की कोई गुंजाइश भी हमारी रिश्तों के बीच ना आए। शक की कोई गुंजाइश भी हमारी रिश्तों के बीच ना आए।